सहारनपुर। खनन पट्टा आवंटन को हुई ई-निविदा सह ई-नीलामी में बोली लगवाये बिना पट्टा आवंटन करने के आरापों को सोमवार को गुड़गांव से आई स्काईलार्क इन्फ्रा इंजीनियरिंग कंपनी ने पुख्ता करने का प्रयास किया।
कंपनी के प्रतिनिधि क. आरएस फोगाट ने डीएम से मुलाकात कर शिकायतकर्ता राजीव भाटिया के आरोपों को जायज ठहराते हुये कहा कि उनकी कंपनी के साथ भी ज्यादती हुई, उन्होंने नीलामी प्रक्रिया में प्रतिभाग करने के लिये ईएमडी धनराशि जमा की, लेकिन शाम तक पेमेंट कन्फर्म नहीं की गई, और कंपनी को नीलामी प्रक्रिया से बाहर कर दिया गया। कहा कि पूरी प्रक्रिया सवालों के घेरे में है, और वह पट्टा आवंटन को उच्च न्यायालय में चुनौती देंगे।
दरअसल रविवार को शिकायतकर्ता राजीव भाटिया ने 28 फरवरी खनन पट्टा आवंटन के लिये हुई प्रक्रिया पर सवाल उठाए थे। कहा था कि खनन पट़्टा आवंटन के लिये कराई गई नीलामी में चार कंपनियों में बगैर कोई बोली लगवाये महज 158/-रूपये प्रति घन मीटर में पट्टा नीलाम कर दिया गया। डीएम अखिलेश कुमार सिंह से की गई शिकायत में उन्होंने बताया था कि उच्चतम निविदा 157/- प्रति घन मीटर थी तय हुई, जबकि महज एक रुपया बढाकर 158/-रूपये प्रति घन मीटर में व्हाइट स्टोन मिनरल प्राइवेट लिमिटेड के नाम पट्टा नीलाम कर दिया गया। उनके आरोपों के अनुसार नीलामी में शामिल सभी कंपनियों की सांठगांठ थी, जिस कारण उन्होंने बोली ही नहीं लगाई, और मजबूर होकर एक रुपये बढाकर रेट फाइनल करना पड़ा।
डीएम अखिलेश कुमार सिंह ने बताया कि मामले की जांच कराई जाएगी, हालांकि अभी तक आनलाइन नीलामी में कभी कोई शिकायत नहीं आई है।