कांग्रेस जनरल सेक्रेटरी ने कहा बीजेपी के खिलाफ आवाज क्यों नहीं उठाती समाजवादी पार्टी और बीएसपी
लखनऊ! कांग्रेस पार्टी ने अपने | यौम-ए-सासीस (स्थापना दिवस) को 'भारत बचाओ, संविधान बचाओ के तौर पर मनाया। इस मौके पर हुए प्रेग्रम में शिरकत के लिए आई कांग्रेस जनरल सेक्रेटरी प्रियंका गांधी ने कहा कि प्रदेश की दो बड़ी अपोजीशन पार्टियां (समाजवादी पार्टी और बीएसपी) बीजेपी सरकार की नाइंसाफियों के खिलाफ आवाज उठाने से हर रही है। इसीलिए सरकार मुखालिफ धरने मुजहिरे नहीं हो रहे है। लेकिन कोस जद्दोजेलद का रास्ता कभी नहीं छोड़ेगी। प्रियंका गांधी की इस हकीकत बयानी पर समाजवादी पार्टी तो खामोश रही मगर बीएसपी सुप्रीमो मायावती को प्रियंका के जरिए आईना दिखाना नागवार गुजरा और उन्होंने नाराजगी का इजहार करते हुए कहा कि प्रियंका दूसरों की फिक करने के बजाए अपनी पार्टी की फिक करें। बीएसपी सुप्रीमो खुद तो न शहरिया एक्ट के खिलाफ हुए मुजाहिरों की हिमायत में आई न ही मुजाहिरे के दौरान पीटे गए, जान से मारे गए।
और गिरफ्तार लोगों का दुख दर्द मालूम करने गई प्रियंका ने ऐसा किया तो उनकी सरगर्मियों को मायावती ने ड्रामा बता दिया। बीएसपी सुप्रीमो मायावती की नाराजगी की असल वजह यह है कि योगी सरकार के खिलाफ प्रियंका गांधी ने पूरी ताकत से मुजाहिरा किया। वह 28,29 और 30 दिसम्बर तक लखनऊ में रहीं और योगी सरकार को हलकान किए रही। प्रियंका के सरकार मुखालिफ तेवरों का अवाम में अच्छा मैसेज जा रहा है और लोग कांग्रेस को जिम्मेदार अपोजीशन के तौर पर देखने लगे है। दरअस्ल प्रदेश में जबसे योगी सरकार आई है मुखालिफत करने वाली हर ही अपोजीशन पटियाँ सरकार मुखालिफ मुजाहिरी बच रही है। जिस तरह से शरियत कानून के खिलाफ हुए मुजाहिरों में मारे गए मुसलमानों और जेल भेजे गए हिन्दू मुसलमानों के घर जाकर उनका दुख-दर्द जानने की कोशिश प्रियंका ने की उससे अवाम को लगा कि वह प्रदेश में खाली पड़ी अपोजीशन की जगह भर रही है। प्रदेश में खुद को मुसलमानों का हमदर्द बताने का दावा करने वाली बीएसपी और समाजवादी पार्टी लीडरान ने बिजनौरमेरठ और लखनऊ में मारे गए मुस्लिम नौजवानों के घर वालों मुलाकात करने की भी जहमत नहीं की, दलित सोशल एक्टिविस्ट एस आर दारापुरी के घर भी बीएसपी स्त्रीमो ने कोई बीएसपी सीडर नहीं भेजा बल्कि मायावती सिर्फ ट्वीट पर मुखालिफत करती नजर आईबीएसपी लीडर मायावती को लगता है कि प्रियंका गांधी उनके दलित वोट बैंक में सेंध लग रही है। उनका ख्याल है कि भीम आर्मी चन्द्रशेखर आजाद की भी कांग्रेस प्रतिपनाही कर रही है। शायद इसीलिए वह प्रियंका ज्यादा नाराज दिखी। लेकिन मायावती ने ट्वीट करके भी इस बात का जवाब नहीं दिया कि वह बीजेपी सरकार के खिलाफ आवाज क्यों नहीं उठा रही है। उन्हें शायद मालूम नहीं है कि अवाम भी यही जानना चाहते हैं कि आखिर मुसलमानों और दलितों का हमदर्द होने का दावा करने वाली अपोजीशन पार्टियां बीजेपी के खिलाफ खामोश क्यों है? क्या वह बीजेपी से डर रही है? उत्तर प्रदेश में कनिस खुद को मजबूत करने की कवायद में जुरी है और इसके लिए पार्टी की जनरल सेक्रेटरी प्रियंका गांधी खुद मैदान में है। लोकसभा चुनाव में रियासत में भले ही कांग्रेस को कामयाबी न मिली हो लेकिन अब (बाकी पेज दो पर