एक लाख अस्थायी नौकरियां गईं, वाहन कलपुर्जा उद्योग का कारोबार 10 फीसदी गिरा

वाहन कलपुर्जा उद्योग का कहना है कि उसका कुल कारोबार चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में 10 प्रतिशत से अधिक गिर गया है। यह उसके कुल कारोबार में सबसे बड़ी गिरावट है। वहीं उद्योग में जुलाई तक करीब एक लाख अस्थायी नौकरियां जा चुकी हैं। कलपुर्जा विनिर्माताओं के संगठन आटोमोटिव कंपोनेंट मैन्यूफैक्चरसर्च एसोसिएशन (एक्मा) ने शुक्रवार (6 दिसंबर) को यहां कहा कि चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में वाहन कलपुर्जा उद्योग ने कुल 1.79 लाख करोड़ रुपये का कारोबार किया। यह इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में उद्योग के कुल कारोबार 1.99 लाख करोड़ रुपये के मुकाबले 10.1 प्रतिशत कम है।



एक्मा के अनुसार वाहन बाजार में गिरावट का असर कलपुर्जा बनाने वाली इकाइयों पर भी पड़ा है। इस अवधि में कारोबार में नरमी का असर निवेश पर भी पड़ा है और उद्योग को दो अरब डॉलर तक के निवेश का नुकसान उठाना पड़ा है। हालांकि कलपुर्जा उद्योग का निर्यात इस अवधि में मामूली तौर पर बढ़ा है। यह 2.7 प्रतिशत बढ़कर 51,397 करोड़ रुपये रहा है। वहीं वाहनों की बिक्री के बाद सर्विस के लिए उपयोग होने वाले कलपुर्जा कारोबार श्रेणी में भी यह चार प्रतिशत बढ़कर 35,096 करोड़ रुपये रहा है। वाहन कलपुर्जों का आयात इस दौरान 6.7 प्रतिशत घटकर 57,574 करोड़ रुपये रहा है।


एक्मा के अध्यक्ष दीपक जैन ने यहां संवाददाताओं से कहा, ''वाहन उद्योग लंबे समय से नरमी का सामना कर रहा है। पिछले एक साल से सभी श्रेणियों की कार बिक्री में गिरावट बनी हुई है।" उन्होंने कहा कि वाहन कलपुर्जा उद्योग की वृद्धि वाहन उद्योग पर निर्भर करती है और चालू अवधि में वाहन उत्पादन में 15 से 20 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी है जिसका वाहन कलपुर्जा उद्योग पर भी विपरीत प्रभाव पड़ा है। एक्मा ने कहा कि इससे पहले वाहन कलपुर्जा उद्योग के कारोबार में बड़ी गिरावट यानी दो प्रतिशत की 2013-14 के दौरान आयी थी। जैन ने कहा कि पिछले साल अक्टूबर से इस साल जुलाई तक बहुत बड़ी संख्या में लोगों को नौकरी से निकाला गया है। उनके अनुसार इस अवधि में करीब एक लाख अस्थायी कर्मचारियों को काम से हटाना पड़ा है।


जैन ने कहा कि बीएस-4 से बीएस-6 में परिवर्तन के लिए वाहन उद्योग ने कुल 80 से 90 हजार करोड़ रुपये निवेश किया है। इसमें वाहन कलपुर्जा क्षेत्र ने 30 से 35 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में 60 प्रतिशत वाहन कलपुर्जेां पर 18 प्रतिशत और 40 प्रतिशत पर 28 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगता है। इससे बिक्री बाद वाले सर्विस बाजार में दो नंबर के काम को फलने-फूलने का अवसर मिलता है। जैन ने सरकार से वाहन कलपुर्जा उद्योग के लिए जीएसटी की एकल दर 15 प्रतिशत करने की भी मांग रखी। इससे जीएसटी का अनुपालन बेहतर होगा साथ ही कर संग्रह भी बढ़ेगा।