जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्रों को 75 फीसद तक छात्रवास के शुल्कों में दी रियायत
- जेएनयू के गरीब छात्रों को 75 फीसद तक छात्रवास के शुल्कों में दी रियायत
- छात्रों से की हड़ताल खत्म करने की अपील
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) की ओर से गठित उच्च स्तरीय समिति ने छात्रवास के नए शुल्कों को संशोधित करते हुए प्रशासन के पास इसकी सिफारिश की है। इसके तहत गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) के छात्रों को छात्रवास के उपयोगिता शुल्क और सर्विस चार्ज 500 रुपये देना होगा।
इससे पहले 13 नवंबर को जेएनयू की कार्यकारी परिषद (ईसी) की बैठक में लिए गए फैसले में बीपीएल के छात्रों के लिए उपयोगिता शुल्क व सर्विस चार्ज को दो हजार रुपये तक प्रति महीने किया था। जेएनयू के रजिस्ट्रार डॉ. प्रमोद कुमार ने कहा कि समिति ने बीपीएल के छात्रों के लिए 75 फीसद तक इन दोनों शुल्कों में कमी कर दी है। साथ ही जेएनयू के अन्य सभी छात्रों को भी इन दोनों शुल्कों में 50 फीसद तक की रियायत दी गई है। सभी छात्रों के लिए इन दोनों शुल्कों के तहत दो हजार रुपये प्रति महीना, 13 नवंबर को हुई ईसी की बैठक में निर्धारित किया गया था।
उच्च स्तरीय समिति ने इसे घटाकर एक हजार रुपये प्रति महीने की सिफारिश की है। 13 नवंबर को जेएनयू की 283वें ईसी की बैठक में छात्रवास के नए नियमों और शुल्कों को तय किया गया था। इसे दोबारा उच्च स्तरीय समिति ने संशोधित किया है। छात्रवास के संशोधित हुए नए शुल्कों को जनवरी 2020 से जेएनयू कैंपस में लागू कर दिया जाएगा।
डॉ. प्रमोद ने कहा कि हड़ताल के कारण अकादमिक गतिविधियों पर असर पड़ रहा है। ऐसे में प्रशासन आंदोलनकारी छात्रों से अपील करता है कि वह हड़ताल समाप्त करें।
छात्र संघ और शिक्षक संघ का विरोध जारी है
संशोधित नए शुल्कों को दरकिनार करते हुए जेएनयू छात्र संघ एवं शिक्षक संघ का प्रशासन के खिलाफ विरोध जारी है। जेएनयू छात्र संघ ने कहा कि वह इस दस्तावेज को अस्वीकार करते हैं।